मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन नहीं रहे। सिर्फ तबले को पसंद करने वाले नहीं, वो लोग भी उनके फैन थे जो भले ही तबले की बारहखड़ी नहीं जानते थे, लेकिन उन्हें पता था कि जाकिर हुसैन जब तबला बजाते हैं तो तबले पर अपनी अंगुलियों से जादू कर देते हैं। यह उनके तबले का ही कमाल था कि टीवी पर आने वाले चाय के विज्ञापन ताज के साथ उनके तबले की रिदम से खुद को जोड़ पाए थे। खैर, अब जाकिर हुसैन नहीं रहे।
मौत सच है, लेकिन उनके अस्पताल में भर्ती होने से लेकर उनकी मौत की खबर आने तक कुछ ऐसा रहा जो इंसानियत के ऊपर, अहसासों पर बहुत सवाल खड़े कर रहा है।
सोचकर देखिए, क्या हो गया है हमें?
अगर कोई सेलिब्रिटी थोड़ी ज्यादा उम्र का है और गलती से अपने रूटीन चेकअप के लिए भी अस्पताल चला जाए, तो हम अपने अंदेशे लगाने शुरू कर देते हैं। जाकिर हुसैन के साथ भी कमोबेश कुछ ऐसा ही हुआ था। वो अस्पताल में भर्ती हुए थे। उनकी हालत भी गंभीर थी।
लेकिन उनकी मौत की खबरें मीडिया में आनी शुरू हो गई थीं। उनके भांजे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया था कि मेरे मामू क्रिटिकल हैं, लेकिन वो जिंदा हैं। आप लोग गलत खबर ना फैलाएं। खैर, अब खबर उनके अकाउंट से भी कंफर्म हो गई है।
लेकिन हम सोचकर देखें कि हमारे लिए ये लोग सेलिब्रिटी हैं। ऐसे में उनकी निजी जिंदगी भी हम लोगों के लिए चर्चा का विषय रहती है। हम इनकी डे-टू-डे लाइफ को भी जानना चाहते हैं। लेकिन एक बार सोचिए कि हम इन सेलेब्स के अस्पताल में भर्ती होते ही इनकी मौत की खबर क्यों फैलाने लगते हैं।
यहां तक कि उनके घरवालों को सोशल मीडिया पर स्टेटमेंट जारी करने पड़ते हैं कि वो सही हैं, उनकी डेथ नहीं हुई है।
वो इंसान हैं
जब कोई इंसान इस दुनिया में आता है, हम बहुत खुश होते हैं। हमारे परिवार में कोई आया। यह खबर खुशी की उमंग लेकर आती है।
लेकिन जब कोई जाता है, तो उसका जाना हमें सालता है। अपने किसी अपने को विदा देना आसान नहीं होता, चाहे वो किसी भी उम्र का क्यों न हो।
तो आप समझें न इस बात को, जो ये लोग हमारे लिए सेलिब्रिटी हैं, वो अपने अपनों के लिए उन्हीं रिश्ते-नातों में गुथे हैं, जिसमें हम और आप हैं। वो किसी के पिता हैं, किसी के पति हैं, किसी के बेटे हैं। सबसे बड़ी बात, आपका भी तो उनके साथ एक रिश्ता है। इन्हें सेलिब्रिटी आप ही ने बनाया है।
बिग बी का वो एक्सीडेंट याद है
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्म 'कुली' का सीन तो हर सिनेमा प्रेमी को याद है कि कैसे क्लाइमेक्स सीन में पुनीत इस्सर के घूंसे की वजह से अमिताभ बच्चन को पेट में इंटरनल ब्लीडिंग हो गई थी।
उस वक्त वो मौत की दहलीज पर थे। यह अस्सी का दौर था। वो महीनों अस्पताल में रहे। उनके फैंस के लिए यह बहुत दुख की बात थी कि वो क्रिटिकल हैं।
यह उनके फैंस की दुआएं थीं कि बिग बी महीनों अस्पताल में रहकर मौत पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे। उस वक्त न जाने कितने लोगों ने उनके लिए मन्नतें मांगी, उपवास किए।
फिर आज हमें क्या हो गया? सोशल मीडिया के दौर में हम अपनी संवेदनाओं को कैसे भूल रहे हैं?
कोई बात नहीं
हम सिर्फ कटघरे में न्यूज़ पोर्टल को अपराधी नहीं बना सकते। हालांकि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि सच को सही से जांच-पड़ताल के बाद ही इस तरह की खबर को चलाना चाहिए।
लेकिन आप भी अपने वॉट्सएप पर, इंस्टाग्राम पर बिना किसी आधार के किसी की मौत की खबर को ना पोस्ट करें। किसी जिंदगी का जाना क्या होता है, आप भी बेहतर जानते होंगे।
इसलिए आइंदा हम और आप सचेत रहें, थोड़ा ध्यान रखें।