इन सेलिब्रिटीज से सीख सकते हैं जिंदगी की जंग में जिंदादिली से लड़ना

इन सेलिब्रिटीज से सीख सकते हैं जिंदगी की जंग में जिंदादिली से लड़ना

हाल ही में दीपिका कक्कड़ के स्टेज 2 कैंसर की डायग्नॉस्टिक की खबर सामने आई। इस खबर को शोएब और दीपिका दोनों ने सोशल मीडिया पर फैंस के साथ साझा किया। उन्होंने फैंस से प्रार्थना करने की भी अपील की। घर में छोटा बच्चा होने के बावजूद दोनों इस मुश्किल घड़ी से सकारात्मकता के साथ निपटने की कोशिश कर रहे हैं। अमूमन किसी के बीमार पड़ने पर घर में बुझा-बुझा सा माहौल रहने लगता है, जिससे बीमार शख्स और बीमार महसूस करने लगता है और घरवालों के लिए भी ये घड़ी काफी मुश्किल हो जाती है। लंबी बीमारी से लड़ने के लिए सकारात्मकता के साथ-साथ घरवालों का भी स्ट्रॉन्ग रहना बहुत जरूरी होता है। कई ऐसे सेलिब्रिटीज हैं जिन्होंने जानलेवा बीमारी को सकारात्मक रवैये के साथ न सिर्फ हराया बल्कि आज वापस जीवन को उसी जिंदादिली से जी रहे हैं। फैंस सेलिब्रिटीज के फैशन और उनके अंदाज़ को तो फॉलो करते ही हैं, लेकिन इन सेलिब्रिटीज से जिंदगी की जंग में लड़ने के अंदाज़ को फॉलो कर मुश्किल घड़ी से लड़ने का हुनर सीख सकते हैं।

सोनाली बेंद्रे ने कैंसर की जंग के दौरान खुद से प्यार करना सिखाया

कैंसर की खबर सुनते ही सबसे पहले लोगों को लगता है कि अब बचना मुश्किल है। जो काफी हद तक ठीक भी है, क्योंकि कैंसर का सही समय पर पता चलने पर ट्रीटमेंट हो जाता है और आप वापस नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं। लेकिन अगर ट्रीटमेंट के पहले ही आप हार मान लेंगे तो सफर मुश्किल होगा। यही नहीं, इसके ट्रीटमेंट के दौरान दर्द के साथ शारीरिक बदलावों के चलते भी पेशेंट हारने लगते हैं। सोनाली बेंद्रे ने कैंसर की लड़ाई के दौरान बालों के न रहने पर अपनी पिक्चर सोशल मीडिया पर शेयर की। ऐसे वक्त में जब लुक की वजह से डिप्रेस हो सकते हैं, उन्होंने उस दौर में खुद से प्यार करना नहीं छोड़ा। ग्लैमर की दुनिया में लुक बहुत मायने रखता है, लेकिन उन्होंने खुद को वैसे ही स्वीकारा जैसे वो थीं और उस जंग को जीतने में उनके सकारात्मक रवैये ने साथ दिया। आज वे नॉर्मल लाइफ के साथ प्रोफेशनल फ्रंट पर भी एक्टिव हैं।

हिना खान से सीखें जिंदगी की जंग के दौरान अपनों के साथ काम से भी जुड़ना

हिना खान ने जिंदगी में चैलेंजेस से कभी हार नहीं मानी। टीवी इंडस्ट्री में संस्कारी बहू की छवि बनाने वाली हिना ने पहले अपनी इमेज को पूरी तरह बदल दिया। संस्कारी बहू से फैशन दीवा बन उन्होंने सबको चौंका दिया। उन्होंने अपनी जिद्दी रवैये से कैंसर की लड़ाई के दौरान भी हार नहीं मानी। वे अपने ट्रीटमेंट के दर्द के साथ अपनी इस बीमारी से लड़ाई के दौरान फैंस से जुड़ी रहीं। उन्होंने बीमारी को खुद से जीतने नहीं दिया और ट्रीटमेंट के बीच में वे काम भी करती रहीं। जहां बहुत से लोग बीमार होने पर काम छोड़ ठीक होने का इंतजार करते हैं, वे जैसे कैंसर को खुद सबक सिखा रही थीं कि वे टूटेंगी नहीं। रैंप वॉक से लेकर शोज में शिरकत करती रहीं। कई बार इस दौरान वे कमजोर नजर आईं, लेकिन शारीरिक कमजोरी को उनकी आत्मशक्ति ने हमेशा हरा दिया। इसी का नतीजा है कि हाल ही में वे कोरिया टूरिज़्म की ब्रांड एंबेसडर बनीं।

कैंसर सर्वाइवर छवि बनीं दूसरों का भी सहारा

कैंसर का नाम सुनते ही आज भी लोग डर ही जाते हैं। टीवी एक्ट्रेस छवि मित्तल को ब्रेस्ट कैंसर की खबर मिलने के बाद वो थोड़ा घबराईं, लेकिन उन्होंने डरने की जगह इससे लड़ने का फैसला लिया। उन्होंने ताहिरा कश्यप को फोन कर इस बारे में बात की। आपको बता दें कि आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा भी ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर हैं। छवि ने उस दौर में न सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर पर खुलकर बात की, बल्कि इस जंग से जीतने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव कर खुद को और स्ट्रॉन्ग बनाया। इस जंग को जीतने के बाद छवि ने कैंसर अवेयरनेस के साथ-साथ कैंसर पीड़ितों को इस जंग में लड़ने के लिए हिम्मत देने के लिए व्लॉग्स भी बनाए। जब आप अकेले किसी बीमारी से जूझ रहे होते हैं तो डर लगता ही है, लेकिन अगर कोई इससे लड़कर जीत चुका हो और अपनी जर्नी के साथ मोटिवेट करता है तो बीमारी से लड़ने के लिए सकारात्मकता बढ़ती है।

बच्चों को पॉजिटिव माहौल दें

जब भी घर में कोई बीमारी दस्तक देती है तो बच्चों पर उसका प्रभाव पड़ता ही है और अगर घर पर छोटा बच्चा हो तो उसके बारे में सोच परिस्थिति भारी लगने लगती है। लेकिन दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम न सिर्फ इस सिचुएशन में स्ट्रॉन्ग हैं बल्कि दूसरों को भी मोटिवेट कर रहे हैं। दीपिका का बच्चा अभी छोटा ही है। बीमारी की खबर के बाद उनकी मन:स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, लेकिन दीपिका ने अपने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी पोस्ट फैंस के साथ साझा कर इस स्थिति के बारे में बताया। बच्चे के बारे में चिंता होना तो लाजमी है लेकिन उन्होंने शेयर किया कि बेटा दिन में दो-तीन बार मिलता है। उसे पता है कि वो बीमार हैं। दीपिका के इस स्थिति में स्ट्रॉन्ग रहने की वो प्रेरणा है। बच्चों के सामने ऐसी किसी भी स्थिति में टूटने के बजाय उनके सामने स्ट्रॉन्ग रहना जरूरी है, क्योंकि अगर बच्चे या घरवाले मायूस हुए तो इससे लड़ना मुश्किल हो जाता है।

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