कॉमेडी के नाम पर हदों को पार करना – स्टैंडअप कॉमेडी का भद्दा रूप

कॉमेडी के नाम पर हदों को पार करना – स्टैंडअप कॉमेडी का भद्दा रूप

पिछले कुछ सालों में जैसे बिना सोचे-समझे बोलने का दौर शुरू हो गया है। कुछ दिनों पहले रणबीर अल्लाहबादिया और समय रैना ने एक शो पर बिना सोचे-समझे कुछ ऐसा बोला जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या नई जेनरेशन बात करने की तमीज़ खो रही है। पिछले कुछ समय से कॉमेडियन कुणाल की बातों ने विवादों को जन्म दिया। यूट्यूब चैनल पर उन्होंने नया भारत टाइटल का एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने भारत की राजनीति पर कई तंज कसते हुए बिना नाम लिए कई नेताओं पर टिप्पणी की। इस वीडियो में उन्होंने इशारों-इशारों में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार कहने के संकेत दिए। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है।

वैसे ऐसा यह पहली बार नहीं है कि कुणाल या स्टैंडअप कॉमेडी के नाम पर हंसाने की जगह विवादों को जन्म दे गए हैं। कॉमेडी के नाम पर परिवार, दोस्तों के साथ-साथ कई बार अनजान लोगों को भी चुटकुले का हिस्सा बना लेते हैं ये कॉमेडियन।

कॉमेडी के नाम पर भूल जाते हैं रिश्तों की मर्यादा

हाल ही में एक स्टैंडअप कॉमेडियन स्वाति सचदेवा के वीडियो पर सोशल मीडिया पर बवाल मचा। वो मां के साथ खुद को जोड़ एक चुटकुला दर्शकों के सामने पेश कर रही हैं। लेकिन वो चुटकुला इस हद तक अभद्र है कि लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि पैसे के लिए मां-बाप को भी नहीं बख्श रही। आज के दौर में जहां मां-बाप बच्चों के दोस्त बन परवरिश करने की कोशिश कर रहे हैं, उस परवरिश के साथ भद्दे और अश्लील कंटेंट को जोड़ना किस हद तक ठीक है? क्या कंटेंट बनाने के लिए सिर्फ अश्लील विषय ही बचे हैं?

धर्म भी नहीं बचता इस कॉमेडी के नाम पर

वैसे तो एक समुदाय के लोगों पर लंबे समय से आम लोग भी मज़ाक करते रहते हैं। “12 बजेके नाम पर लंबे समय से एक मज़ाक बनाया जाता रहा है। लेकिन स्टैंडअप कॉमेडी के दौरान ये कई बार देखने को मिला है कि किसी धर्म या समुदाय पर वे बेझिझक चुटकुले बनाते हैं। स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने इंदौर में एक शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक चुटकुले सुनाए। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर भी आपत्तिजनक चुटकुले बनाए। जिसकी वजह से उन्हें गिरफ़्तार भी किया गया।

किसी के लुक्स पर मज़ाक करना तो जैसे आम बात है

जहां एक तरफ़ हम बॉडी शेमिंग के प्रति समाज में जागरूकता पैदा करने की बात करते हैं, वहीं घर से लेकर स्कूल-कॉलेज और ऑफिस सभी जगहों पर रंग-रूप पर किसी का मज़ाक बनाना आम बात है। लेकिन ये देखने और सुनने में तब और भी ज़्यादा भद्दा लगता है जब नेशनल टीवी पर इसका प्रसारण होता है। कपिल शर्मा शो यूं तो देश के हर कोने में हंसने और हंसाने का काम करता है, लेकिन कॉमेडियन को कई बार शो पर आए लोगों के लुक्स की वजह से उनका मज़ाक उड़ाते हुए देखा गया है। यहां तक कि बेबी जॉन फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने फ़िल्म के निर्देशक एटली से भी लुक्स के आधार पर मज़ाक किया। जिसकी वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर काफ़ी ट्रोल भी किया गया।

तो बात बस इतनी सी है कि मज़ाक और कॉमेडी के ज़रिए बिना अभद्रता को मिक्स किए हंसाया जा सकता है। राजू श्रीवास्तव की कॉमेडी याद कीजिए वो कॉमेडी हमारे आस-पास की घटनाओं को चुटीले अंदाज़ में पेश करती थी। तो ऐसा क्या है कि अब कॉमेडी का स्तर नीचे होता जा रहा है?

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