हाल ही में एक्टर संगीता बिजलानी इंडियन आइडल में हिस्सा लेने आईं। उन्होंने बेशक किसी का डायरेक्ट नाम नहीं लिया लेकिन इशारों में इशारों में हिंट दे दिया कि जब वो किसी बड़े सेलिब्रेटी के साथ रिलेशन में थीं तब उस समय उनके बॉयफ्रेंड उन्हें छोटे कपड़े नहीं पहनने देते थे। इस बात ने वाकई में सोचने को मजबूर किया कि संगीता बिजलानी भारत के उस समाज से आती हैं जो कि सो कॉल्ड प्रोग्रेसिव और मॉडर्न माना जाता है। लेकिन उसी समाज के लोग अगर अपनी गर्लफ्रेंड पर इतना अधिकार समझते हैं कि वो तय करेंगे कि उनकी पार्टनर क्या पहनेगी और क्या नहीं, यह वाकई में विचारणीय बात है।
बात कुछ और है
यहाँ हम बात बड़े कपड़े या छोटे कपड़ों की नहीं कर रहे। हम बात कर रहे हैं कि वो पुरुष जो महिला को लेकर प्रोग्रेसिव होता है, वो उस वक्त अपने विचारों की सीमाओं को सीमित क्यों कर लेता है जब बात उसके जीवन में आई स्त्री की होती है। क्यों वो अधिकार मनमानी बन जाता है? कई बार तो स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि लड़कियां एक अजीब सी घुटन का सामना करने लगती हैं और उनके लिए वो प्रेम ही सज़ा बन जाता है।
इसके पीछे की वजह
मैं खुद एक महिला हूँ। ऐसे में इस बात को समझने के लिए मैंने पुरुषों के नज़रिए को समझने की कोशिश की। अगर शुरुआती स्तर पर देखें तो इस तरह की पाबंदियों के पीछे की वजह कोई बहुत ठोस नहीं होती, बस भावनाओं से भरी होती है। यह पुरुष का प्रेम होता है अपनी स्त्री के प्रति। वे चाहते हैं कि कोई बुरी नज़र वाला उनकी प्यारी सी साथी को ऐसी-वैसी नज़र से न देखे। अगर कोई ऐसा करता है तो उन्हें बुरा लगता है।
अति हर चीज़ की बुरी है
यह सच है कि आप प्रेम में ऐसा कर रहे हैं। लेकिन आप एक बार अपनी प्रेमिका या अपनी पत्नी के एंगल से भी इस बात को समझने की चेष्टा करें। आपका प्रेम उनके लिए घुटन बन जाए, क्या यह आपको अच्छा लगेगा? कितनी बार लोग अधिकारपूर्वक अपनी पत्नी या प्रेमिका को सिर्फ अपनी बात मनवाने के लिए वो विशेष रंग या चीज़ें हटा देते हैं जो उन्हें पसंद होती हैं। आप याद रखिए इस बात को कि आप जिस पर अपना अधिकार जमा रहे हैं वो भी आप ही की तरह एक इंसान है। उसके अपने सपने, इच्छाएँ, मान-सम्मान और पसंद-नापसंद हैं।
एक तरीका होता है
ऐसा नहीं है कि अगर आपको कोई पसंद है तो आप उसे कुछ कहने का अधिकार नहीं रखते। लेकिन आप इस बात को जानें कि एक बात मनवाने के लिए आपको भी उनकी कुछ बातें माननी होंगी। अगर उन्हें आप पर ब्लू अच्छा लगता है तो कभी आप भी उनके लिए पहनें। आप जीवन में कुछ भी करिए बस इतना याद रखिए कि आपके जीवन में आई स्त्री एक जीता-जागता इंसान है। आपका उस पर उतना ही अधिकार है जितना उसका आप पर है। बस इतना सा फॉर्मूला आपके जीवन को आसान बना देगा। रही बात दूसरे लोगों की तो उनके अनुसार आप अपने जीवन की दिशा तय न करें। आगे आप खुद समझदार हैं।