यह तो हम सभी जानते हैं कि हर मनुष्य के भीतर एक शक्ति होती है, जिसके द्वारा वह अपने जीवन में जो चाहे पा सकता है। हम सब अपने अंदर इस शक्ति को महसूस करते हैं, लेकिन अगर आप इस शक्ति के बारे में और भी गहराई से जानना चाहते हैं तो आपको डॉ. जोसेफ मर्फी की बुक “Power of Subconscious Mind” (अवचेतन मन की शक्ति) को ज़रूर पढ़ना चाहिए। लेखक अपनी किताब में बताते हैं कि हमारे मस्तिष्क के दो हिस्से होते हैं। ये दोनों हिस्से एक-दूसरे से अलग हैं। इन दोनों के अपने विशिष्ट गुण और शक्तियां हैं। मस्तिष्क के इन हिस्सों के लिए लेखक द्वारा चेतन और अवचेतन मन का प्रयोग किया गया है। जहां हमारा चेतन मन तर्क करने की शक्ति रखता है, वहीं दूसरी ओर अवचेतन मन तर्क नहीं करता। जोसेफ मर्फी द्वारा विश्व के सभी प्रमुख धर्मों का कई वर्षों तक अध्ययन करने के बाद यह विश्वास हो गया कि पूरी सृष्टि में एक विराट शक्ति व्याप्त है, और वह शक्ति हमारे भीतर है - हमारे अपने अवचेतन मन की शक्ति।
आप जैसा बीज रोपेंगे, वैसा ही फल पाएंगे
आपका दिमाग एक बगीचे के समान है। उसमें आप जैसे पौधे लगायेंगे, वैसे ही फल पायेंगे। जिस प्रकार यह सार्वभौमिक सत्य है कि लोहे को गर्म करने पर वह पिघल के फैलता है या पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है, उसी प्रकार हम अपने अवचेतन मन में जिस प्रकार के विश्वास जगाते हैं, हमारी ज़िंदगी भी उसी प्रकार से बनती है। यदि हम नकारात्मक विचारों को अपने मन में जगह देंगे तो क्रोध और दुख को आकर्षित करेंगे। वहीं अगर सकारात्मक और ऊर्जावान विचारों को जगह देंगे तो आपका जीवन समृद्ध और खुशहाल होगा। आपको हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि यह नियम हर समय, हर जगह और हर परिस्थिति में काम करता है।
"मैं कर सकती हूं" - सकारात्मक सोच का उदाहरण
आपको विश्वास ना हो तो इस बात को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। जेनेट आर. एक प्रतिभावान युवा गायिका थी। उसे ओपेरा प्रॉडक्शन में एक महत्वपूर्ण भूमिका के ऑडिशन के लिए जाना था। वह ऑडिशन के लिए बेताब तो थी, लेकिन आशंकित भी थी।उसने तीन बार ऑडिशन दिया था लेकिन डर और विश्वास की कमी के कारण असफल रही। उसकी आवाज़ अच्छी थी, लेकिन वह खुद से कहती रहती थी - "जब गाने का वक्त आएगा, तब बुरा गाऊंगी और मुझे वह भूमिका नहीं मिलेगी।" उसके अवचेतन मन ने नकारात्मक आग्रह को मान लिया। इसके पश्चात गायिका ने अपने नकारात्मक विचारों से उबरना शुरू किया। हर दिन अपने अवचेतन मन को यह संदेश देने लगी कि इस बार वह अच्छा गाएगी, अपनी गायिकी से वह सभी को खुश कर लेगी और उसका चयन कर लिया जायेगा। जब निर्णायक दिन आया, तो उसने बहुत बढ़िया ऑडिशन दिया और उसे भूमिका मिल गई।
खुद पर रखें विश्वास
जैसा कि हम जानते हैं कि लोहे का चुम्बकीय टुकड़ा अपने अधिक भार का बारह गुना वजन उठा सकता है। लेकिन अगर उसमें से 3/4 चुम्बकीय गुण हटा दें, तो वह एक तिनका भी नहीं उठा पाएगा। उसी प्रकार आत्मविश्वास से जो चाहे पाया जा सकता है। लेकिन आत्मविश्वास की कमी व शंकाओं के चलते हम जीवन में उस मकाम तक नहीं पहुंच पाते जहां हमें पहुंचना है। इसलिए खुद पर विश्वास बनाए रखना ज़रूरी होता है। इसके लिए सबसे बड़ी बात है कि आपको सकारात्मक रहना है। मनुष्य वही बनता है, जो वह दिनभर सोचता रहता है। अतः सोने से पहले अपने अवचेतन मन में कोई विशिष्ट आग्रह करें और इसकी चमत्कारी शक्ति देखें। आप इस बात को जान लें कि हमारे अवचेतन मन में दुनिया को हिलाने की शक्ति है। इसमें असीमित ज्ञान और बुद्धिमता है। हम अपने अवचेतन मन पर जैसी छाप छोड़ते हैं, यह उसे साकार करने के लिए जमीन-आसमान एक कर देता है। इसलिए आपको इस पर सिर्फ सही और सृजनात्मक विचारों की छाप छोड़नी चाहिए।