यह ज़िंदगी आप कैसे जीना चाहते हैं यह सिर्फ आप पर ही निर्भर करता है। इसके लिए बहुत दूर कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है। आप सभी मोबाइल तो देखते ही होंगे। और अगर रील देखने के आदी हैं तो आपने भी मुमताज़ को रैंप पर वॉक करते हुए देखा होगा या देखा नहीं होगा तो कम से कम इस बारे में सुना तो ज़रूर ही होगा। दरअसल, मनीष मल्होत्रा के फैशन शो में मुमताज़ ने हिस्सा लिया था। वो काफी समय से लाइम लाइट से दूर हैं लेकिन इस शो में जब उन्होंने फैशन वॉक की तो इंटरनेट की दुनिया में वो सुर्खियों में छा गईं। उनके साथ इस वॉक में खुशी कपूर और उर्मिला मातोंडकर भी थीं। लेकिन भई, सीनियर तो सीनियर होता है—दोनों के ही सामने मुमताज़ की पर्सनालिटी बहुत भारी पड़ रही थी। ब्लैक कलर की साड़ी और न्यूड मेकअप के साथ मुमताज़ का लुक स्टनिंग था।
कुछ नया करने का साहस
अगर आप वीडियो देखेंगे तो अंदाज़ा लगा पाएंगे कि उनके अंदर स्पार्क और जील की कोई कमी नहीं है। वो 77 साल की हैं लेकिन उन्होंने खुद को नए सिरे से फिर ढूंढने की कोशिश की। माना कि वो एक्टिंग में बहुत सीनियर हैं और बॉलीवुड के गोल्डन एरा की एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं। लेकिन किसी फैशन शो में रैंप पर उतरना उनके लिए अपने आप में पहला अनुभव था। लेकिन उन्होंने खुद को नए सिरे से तैयार किया और रैंप पर वो कर दिखाया जो आज चर्चा का विषय है। वो कितनी खूबसूरत हैं यह सभी जानते हैं लेकिन लोग इस बात को सराह रहे हैं कि इस उम्र में उन्होंने वो करने का रिस्क लिया जो उन्होंने पहले कभी नहीं किया था। इसके अलावा, रेखा ने जिस तरह से उन्हें चीयर किया है, वो भी सभी को पसंद आ रहा है।
आप भी सीखें
मुमताज़ की यह रैंप वॉक बहुत लोगों को बहुत कुछ सिखा गई है। सबसे अहम बात तो यह है कि आप जीवन के किसी भी पड़ाव पर हों, आप कुछ नया कर सकते हैं। ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा? आप फेल हो जाएंगे। लेकिन जीवन आपको कुछ नया करने का अनुभव तो देगा। वरना बहुत लोगों को देखा है कि अगर वो 70 के पार हो जाते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कि वो ज़िंदगी को नहीं, ज़िंदगी उन्हें गुज़ार रही है। कुछ नया करने की ना उनके अंदर जुस्तुजू होती है और वो खुद अपने हाथों से अपने जीवन को वीरान और दिशाहीन कर लेते हैं। हां, यह सच है कि जब आप बूढ़े नहीं…..सॉरी, बड़े होते जाते हैं तो आपको कुछ हेल्थ इशू हो सकते हैं लेकिन इनकी वजह से खुद को ज़िंदगी से किनारे कर लेना कोई समझदारी की बात तो नहीं है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में एक बार कवि और गीतकार प्रसून जोशी ने कहा था कि ज़िंदगी अनुभव लेने का नाम है। और आपको हर अनुभव के लिए एक्साइटेड होना चाहिए। यहां तक कि जब आपके चेहरे पर झुर्रियां आ रही होती हैं, उन्हें अपने चेहरे पर देखना भी एक अनुभव है। यहां तक कि जीवन का आखिरी पड़ाव यानी कि मृत्यु का आना भी एक अनुभव होता है। आप किसी को नहीं बता सकते कि मृत्यु के साथ आपका साक्षात्कार कैसे हुआ लेकिन जब वो आती है, आपके शरीर को शक्तिहीन कर जाती है तो वो सिर्फ आप जानते हैं।
जीवन से रिटायर मत होइए
इस वक्त मैं आम लोगों की बात कर रही हूं। हो सकता है कि आपको एक उम्र के बाद घर का या बाहर का काम करने में परेशानी आए। ऐसा होना एक नॉर्मल बात है। लेकिन हां, अपने आप को एक्टिव बनाए रखें। आप अपनी पर्सनालिटी पर ध्यान दें। रिटायरमेंट की उम्र आने का यह मतलब नहीं होता कि आप जीवन से रिटायर हो जाएं। अपने जीवन की जीवंतता को बनाए रखें।
अगर आप एक महिला हैं और खाना बनाने का शौक रखती हैं तो भले ही रोजमर्रा की कुकिंग ना करें। लेकिन कुछ नई डिशेज सीखें और उन्हें बनाएं। हो सकता है कि आपके हाथ के बूंदी के रायते के आपके बच्चे दीवाने हों, लेकिन आप कोई नई आलू की रेसिपी भी तो ट्राई कर सकती हैं। इसके अलावा, अगर आपको कशीदाकारी में इंटरेस्ट है तो जो कशीदा करना आपको आता है केवल उसी की प्रैक्टिस ना करें। कुछ नया सीखें। आप खुद देखेंगी कि आपको नई चीजों को सीखना और जानना कितना अच्छा लगेगा।
वैसे भी सौ बातों की एक बात—यह ज़िंदगी है, बीत ही जाएगी। लेकिन इसे आप कैसे खूबसूरत बना सकती हैं, यह आप पर निर्भर करता है। कुछ लोगों के लिए उनकी एज महज़ एक नंबर होती है। और कुछ लोगों के लिए उम्र एक चुनौती।
मुमताज़ के रैंपवाक का विडियो यहाँ देखें l