पाकिस्तान ने पहलगाम में मासूम लोगों के साथ जो किया वो ऐसा काम था जिसे आप मानवीयता के धरातल पर कतई भी सही नहीं ठहरा सकते। इस अमानवीयता का भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था। स्वाभाविक सी बात है इन सभी चीजों के बीच में स्थिति तो अच्छी नहीं थी। भले ही युद्ध का एलान तो नहीं हुआ अच्छी बात थी लेकिन हां लग रहा था कि जैसे कुछ बहुत अजीब होने वाला है। खैर अच्छी बात है कि दोनों देशों की तरफ से अब सीज़फायर का एलान हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस सीज़फायर के लिए दोनों ही देशों को बधाई दी है। इस समय हमारी सेना बहुत मुस्तैदी से काम कर रही है। लेकिन इस समय भारत के नागरिक होने के नाते हमारी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है अपने देश के प्रति, अपनी सेना के प्रति। तो जानते हैं कि संकट के इस मौके पर हमें क्या करना होगा।
वॉट्स यूनिवर्सिटी में प्रवेश ना लें
यह जो हमारी वॉट्स यूनिवर्सिटी पर खबर कैसे एक के बाद दूसरे को और दूसरे के बाद तीसरे को कैसे पहुंचती है। हम सब बहुत अच्छे से जानते हैं। अच्छी बात है कि वॉट्सऐप पर हम अपने प्रिय लोगों से आपस में जुड़े रहते हैं। कौन कहां जा रहा है कौन कहां आ रहा है। किसके बच्चे का एडमिशन कब और कहां हुआ? किसके दसवीं और बारहवीं में कितने नंबर आए। यह हमें वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी ही बताती है। लेकिन इस समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको इस यूनिवर्सिटी में भारत और पाकिस्तान से संबंधित किसी भी तरह की खबरों को सर्कुलेट नहीं करना। हो सकता है कि आपको कोई खबर गलत पता हो। ऐसे में आप एक गलत खबर को सर्कुलेट करेंगे तो एक भय का माहौल बनेगा।
आपको पैनिक क्रिएट नहीं करना है
सीज़फायर की घोषणा के बाद फिलहाल हालात कुछ सामान्य बनने को आए हैं। लेकिन सेना अभी भी चौकन्नी है। इसकी वजह है सीज़फायर की घोषणा के भीतर ही पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी हो रही है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर श्रीनगर की एक फोटो को साझा करते हुए लिखा था कि This is no ceasefire. The air defence units in the middle of Srinagar just opened up. स्वाभाविक सी बात है कि इस स्थिति पिछले तीन दिनों के मुकाबले बेहतर हुई है। लेकिन इस समय जहां सेना अपना साहस और पराक्रम दिखा रही है। वहीं हमें संयम दिखाना है। ना तो पैनिक होना है और ना ही पैनिक सिचुएशन को होने देना है। आप यकीन करिए अपनी सेना पर। इस समय कुछ लोग अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर नो वॉर के हैशटैग चला रहे हैं। आप खुद सोचिए यह सब क्या है। हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी है हमारी सेना के पास। जो भी हमारी सरकार और सेना कर रही है या करेगी, जो भी स्थिति है या जो भी स्थिति बनेगी। आपकी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी जाएगी और दी जा रही है। कर्नल सोफिया ने शनिवार को भी प्रेस ब्रीफिंग की थी। आप उसे सुनिए। अगर प्रधानमंत्री, सेना, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल या उनकी ओर से बयान आ रहे हैं तो उसे सुनिए। इस स्थिति में अपनी ओर से कयास मत लगाइए।
वीडियो और फोटो भी नहीं
अगर हम पिछले तीन दिनों की बात करें तो इस समय देश के कुछ इलाकों में ब्लैक आउट किया गया था। हमारे सैनिकों की छुट्टियां भी निरस्त हो गई हैं। उन्हें वापस बुला लिया गया है। हो सकता है कि आप जिस शहर में रह रहे हों वहां सेना का कोई मूवमेंट आपको नजर आए। वो कोई भी स्थिति जो अलग है आप उसके कोई भी फोटो या वीडियो ना लें। इतना ही नहीं इसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने की भूल कभी ना करें। हो सकता है कि आप अनजाने में ही दुश्मनों का साथ दे रहे हों। याद रखिए इस समय अगर हम रात को अपने घर में चैन की नींद से पा रहे हैं तो अपनी सेना की वजह है। ऐसे में हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपनी सेना का साथ दें। जो भी खबर सूत्रों के हवाले से आए उसे खारिज कर दें। यकीन करें कि हम लोगों के लिए जो भी जरूरी होगा, उसकी सूचना हमारे सरकार के नुमाइंदे जरूर हमसे साझा करेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम सभी लोग एक जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य जरूर निभाएंगे। यह हम सभी के लिए परीक्षा का समय है और हम सभी को डिस्टिंक्शन से पास होना है।