पिछले दिनों रिलायंस फाउंडेशन की चेयरमैन नीता अंबानी ने हार्वर्ड के इंडिया कॉन्फ्रेंस 2025 में हिस्सा लिया। जहां उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ बातचीत भी की। उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के तौर पर हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने "From India to the World" विषय पर अपने विचार रखे। वहीं इस दौरान उनके हार्वर्ड से जुड़े कुछ ऐसे सपने सामने आए, जिन्होंने लोगों को हैरत में डाल दिया।
नीता अंबानी ने बताया कि वो भी हार्वर्ड में पढ़ना चाहती थीं, लेकिन कुछ फाइनेंशियल प्रॉब्लम की वजह से उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। लेकिन जब इस बार उन्हें इस कॉन्फ्रेंस में बुलाया गया तो उनसे ज्यादा खुश उनकी 90 साल की मां थीं। उनकी मां यह खबर सुनकर इतनी एक्साइटेड थीं कि उन्होंने नीता की दोनों बहुओं श्लोका और राधिका को फोन करके बताया कि नीता ने बचपन से ही सपना देखा था कि वो हार्वर्ड में पढ़ने जाएगी। लेकिन हम फाइनेंशियल प्रॉब्लम की वजह से उसे नहीं भेज पाए थे। लेकिन आज देखो, वो हार्वर्ड जा रही है।
उस खुशी के लिए थैंक यू
हार्वर्ड ग्लोबल लेवल पर एक जाना-माना इंस्टीट्यूट है। ना जाने कितने लोग यहां एडमिशन पाने का सपना देखते हैं। यहां एडमिशन होना भी काफी मुश्किल होता है, इसके अलावा यहां की फीस भी हर कोई अफोर्ड नहीं कर पाता। खुद नीता की फैमिली के साथ भी ऐसा ही हुआ था। शादी से पहले वो भी एक मिडिल क्लास फैमिली से ही ताल्लुक रखती थीं। लेकिन कहते हैं ना, अगर बच्चा कोई सपना देखता है तो उसके टूटने का गम सबसे ज्यादा पेरेंट्स को ही होता है। वहीं अगर बच्चा अपने सपने को हासिल कर ले तो इसकी खुशी उससे ज्यादा उसके पेरेंट्स को होती है। नीता अंबानी के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में अपनी पर्सनल स्टोरी शेयर करते हुए कहा था कि "आज मेरी मां बहुत खुश और बहुत एक्साइटेड हैं। मेरी मां को यह खुशी देने के लिए आपको बहुत-बहुत थैंक यू।"
अब आप समझें
अब तक आप ही की तरह मैं भी यही समझती थी कि नीता अंबानी वो इंसान हैं, जिनके पास इतना पैसा है कि वो जो चाहें हासिल कर सकती हैं। लेकिन कहते हैं ना, जब तक आप दूसरे के जूते में पैर नहीं डालते, तब तक आपको उसकी जिंदगी का संघर्ष समझ में नहीं आता। नीता अंबानी की साड़ियां, उनके फुटवियर और उनका लग्जीरियस लाइफस्टाइल हमेशा चर्चा में रहता है। वो किस कप में चाय पीती हैं, इस पर भी बात होती है, लेकिन बहुत सारे सपनों और अरमानों को नीता जैसी लोग भी अपने दिल में दबाए रखते हैं।
अभी एक कहानी और बाकी है
यह तो एक खुशी की बात है कि नीता का हार्वर्ड का एक सपना पूरा हुआ। वो बेशक हार्वर्ड पढ़ने तो नहीं जा सकीं, लेकिन एक स्पीकर के तौर पर उनका जाना उनकी ज़िंदगी का एक बड़ा अचीवमेंट है। लेकिन नीता की जिंदगी में भी चुनौतियों की कमी नहीं है। उन्होंने इस मौके पर अपने छोटे बेटे अनंत अंबानी की ओबेसिटी और अस्थमा के बारे में बात की। सब जानते हैं कि अनंत अंबानी नीता के छोटे बेटे हैं और बेहद लाडले हैं। लेकिन देखिए, इतना पैसा होने के बाद भी नीता अनंत को वो सेहत नहीं दे सकतीं, जो वो चाहती हैं।
यह सभी के साथ होता है
इन बातों को बताने का मतलब नीता अंबानी की जिंदगी के बारे में बताना नहीं है, बल्कि यह समझाना है कि जीवन में सुख-दुख, मौके और चुनौतियां सभी के लिए हैं। चाहे राजा हो या रंक, ज़िंदगी किसी के लिए भी आसान नहीं होती। बस जो भी करें, मेहनत से ना घबराएं और हमेशा उम्मीद रखें कि एक दिन सब ठीक हो जाएगा। रही बात कुछ सपनों की और ख्वाहिशों के ना पूरे होने की, तो आप उनके बारे में चिंता करना छोड़ दें। वैसे भी ज़िंदगी में कुछ "काश" का बाकी रहना ज़रूरी होता है। अब आप नीता अंबानी को ही देख लें, वो भले ही हार्वर्ड पढ़ने नहीं जा पाईं, लेकिन अपनी काबिलियत के दम पर एक स्पीकर के तौर पर वहां गईं। उन्होंने स्टूडेंट्स को अपनी स्पीच के ज़रिए मोटिवेट किया। उनका यह सेशन काफी सक्सेसफुल रहा।
उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि, "हर इंसान को सपने देखने का हक है। अपने लिए खूब सारे सपने देखें और उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि आप जो भी करें, उस पूरे प्रोसेस में खुश रहना ना भूलें। चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों ना आ जाए, लेकिन अपने अंदर पॉज़िटिविटी बनाए रखें।"
अगर हम इस बात को समझें तो ज़िंदगी में खुश रहना इतना मुश्किल भी नहीं होता। बस इतना याद रखिए कि आपको या किसी को भी कोई भी चीज ऐसे ही नहीं मिल जाती। इसके लिए बहुत मेहनत करनी होती है। बस नज़रिया सकारात्मक रखिए और आगे बढ़ते जाइए।