हाल ही में जयपुर में लिट्रेचर फेस्टिवल का आयोजन हुआ। इस फेस्टिवल में दुनियाभर से साहित्य जगत के लोग हिस्सा लेने आते हैं। साहित्य और संगीत के साथ इस फेस्टिवल में पूरा दिन कुछ अलग ही माहौल रहता है। अलग-अलग फील्ड से बुद्धिजीवी इस फेस्टिवल में आकर लोगों के साथ ज्ञान साझा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सिर्फ यही नहीं, ऐसे कई अन्य फेस्टिवल अलग-अलग जगहों पर होते हैं? अगर आप इस तरह के फेस्टिवल को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो हम आपके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में इस साल होने वाले ऐसे फेस्टिवल की जानकारी लाए हैं। आप चाहें तो इन फेस्टिवल का हिस्सा भी बन सकते हैं, और अगर ऐसा नहीं कर सकते तो देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले सेलिब्रेशन की जानकारी पढ़कर इसका आनंद तो ले ही सकते हैं।
शून्य महोत्सव, ऋषिकेश
आजकल ध्यान और योग की तरफ लोग आकर्षित हो रहे हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में शांति और सुकून के लिए खुद के साथ समय बिताना एक खूबसूरत अहसास बनकर रह गया है। अक्सर कई लोगों को कहते सुना है कि "काश कोई दिन हो जब कुछ करने को न हो।" शून्य महोत्सव ऐसे लोगों के लिए ही है। यह महोत्सव सब कुछ छोड़ खुद के साथ समय बिताने के लिए प्रेरित करता है। इस महोत्सव में मन को 'शांत' करने के लिए प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया जाता है। यह महोत्सव ऋषिकेश में होने वाला है। इसमें माइंडफुलनेस सेशन और कई वर्कशॉप में मन को शांत करने पर चर्चा होगी। यह महोत्सव 14 फरवरी से 16 फरवरी तक होगा।
चपचारकुट, मिज़ोरम
मिज़ोरम के प्राकृतिक वातावरण में बसंत ऋतु के आगमन पर चपचारकुट मनाया जाता है। इसमें जंगल साफ करने और प्रकृति का आभार प्रकट करने के लिए धूमधाम से नृत्योत्सव मनाया जाता है। मिज़ो लोग इस दौरान ज़ू (भूसी से बना एक हल्का चावल का बियर) और कई तरह के मांस के स्वादिष्ट भोजन इस उत्सव में शामिल करते हैं। अलग-अलग गांव और समुदाय के लोग साथ मिलकर नृत्य और उत्सव में शामिल होते हैं। यह उत्सव मार्च में होगा।
कसौली रिदम एंड ब्लूज़ म्यूज़िक फेस्टिवल, हिमाचल
हिमाचल प्रदेश के कसौली में हर साल भारत के हर हिस्से से कलाकार इस उत्सव में हिस्सा लेने आते हैं। वे अपने संगीत और हुनर से इस महोत्सव में लोगों का दिल जीतने के साथ-साथ प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद भी लेते हैं। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य जन्मजात हृदय विकार (सीएचडी) से पीड़ित गंभीर रूप से बीमार और वंचित बच्चों की सहायता करना है।
ऊटी समर फेस्टिवल, ऊटी
ऊटी शहर को अब तक आप उसकी खूबसूरती के लिए जानते होंगे। लेकिन यह शहर एक खूबसूरत उत्सव के लिए भी जाना जाता है। इस अनोखे उत्सव में सब्जियों और फूलों द्वारा अलग-अलग कृतियों का निर्माण किया जाता है। यही नहीं, वहां उगाए जाने वाले मसालों को भी शो में शामिल किया जाता है। जबकि फूलों के शो के लिए बॉटनिकल गार्डन में हजारों किस्म के फूलों की वैरायटी सुर्खियां बटोरती हैं। यह उत्सव मई में मनाया जाता है।
साओ जोआओ महोत्सव, गोवा
अपनी अलग जीवनशैली के लिए जाना जाने वाला गोवा का साओ जोआओ उत्सव की बात ही अलग है। यह सेंट जॉन द बैपटिस्ट के जन्म के उत्सव का प्रतीक है। इसकी शुरुआत 16वीं शताब्दी में हुई थी और इसकी भव्यता सदियों से कायम है। इसके दौरान गोवा की सड़कों पर धूमधाम और रंगों की लहर देखने को मिलती है।
इसके दौरान कपल्स रंग-बिरंगे कपड़ों और फूलों के मुकुट पहनकर सड़कों पर परेड करते हैं, जो मानसून द्वारा लाई गई खुशी और प्रचुरता का प्रतीक है। पर्यटकों को संगीत, नृत्य प्रदर्शन, परेड और गोवा के व्यंजन का स्वाद इस उत्सव में मिलता है। यह हर वर्ष जून माह में होता है।
हेमिस फेस्टिवल, लद्दाख
यह उत्सव हेमिस गोम्पा, लद्दाख में मनाया जाता है। यह लेह के सबसे प्रसिद्ध मठों में से एक है। इस उत्सव की विशेषता ढोल और झांझ की थाप पर नकाबपोश लोगों द्वारा प्रस्तुत 'चाम' (नृत्य) है। इसके अलावा त्यौहार का मुख्य आकर्षण विशाल थंगका (बौद्ध चित्र) हैं। इन्हें त्यौहार के दिनों में जनता के लिए खोला जाता है। बारह साल में एक बार, लद्दाख में सबसे बड़ा थंगका त्यौहार के पहले दिन हेमिस में जनता के देखने के लिए खोला जाता है। यह उत्सव जुलाई में होने वाला है।
जीरो फेस्टिवल, अरुणाचल प्रदेश
पूर्वोत्तर की स्थानीय जनजातियों और कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए 2012 में जीरो फेस्टिवल शुरू हुआ था। इस दौरान, भारतीय संगीत और वैश्विक संगीत के समागम को देखने का मौका मिलता है। यह फेस्टिवल पॉप कल्चर बन जाता है। इसका महत्व सिर्फ संगीत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक धरोहर पर भी प्रकाश डालता है। यह जुलाई माह में होने वाला यह महोत्सव क्षेत्र के शिल्प को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
इंडियन फोटो फेस्टिवल, हैदराबाद
'भारत में लंबे समय से चल रहे अंतरराष्ट्रीय फोटो महोत्सव' में फोटोग्राफी के साथ सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा होती है। इसका उद्देश्य दुनिया भर की बेहतरीन फोटोग्राफी को एक मंच पर लाना है। इसमें दुनियाभर के फोटोग्राफर्स की खूबसूरत फोटोज होती हैं और यह दुनिया को एक अलग नज़रिए से देखने का मौका देती हैं। यह शो नवंबर में होता है।
मेई-रामेव, मेघालय
दिसंबर में मेघालय में वार्षिक उत्सव होता है। इसका आयोजन राज्य सरकार और नॉर्थ ईस्ट स्लो फूड एंड एग्रो बायोडाइवर्सिटी सोसाइटी (NESFAS) के सहयोग से किया जाता है। इसके दौरान कृषि जैव विविधता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा का मंच बनता है।


