सिनेमा जगत मनोरंजन का वो चेहरा है जो अलग-अलग कहानियों के जरिए दर्शकों को उनसे जोड़ता है। कभी असल कहानियां तो कभी काल्पनिक कहानियों के साथ दर्शकों को लुभाती हैं। सिनेमा में कहानियों का एक दौर रहा है। कभी एक्शन फिल्में तो कभी रोमांटिक फिल्में तो कभी पारिवारिक फिल्मों ने एक समय सिनेमा पर राज किया। लेकिन बीते दिनों सिनेमा में कुछ ऐसा देखने को मिला जो काफी हैरान करने वाला है। ‘सैयारा’ जैसी रोमांटिक फिल्म के लिए दर्शकों का दीवानापन और माइथोलॉजी और एनीमेशन का संगम महावतार नरसिंहाँ के लिए पागलपन सिनेमाघरों में देखने को मिला। सैयारा ने दर्शकों पर ऐसा असर किया कि युवाओं के आँसुओं की बाढ़ की चर्चा सोशल मीडिया पर छाई रही। जहां इस फिल्म में प्यार और रोमांस ने युवाओं के बीच हलचल मचाई। वहीं दूसरी तरफ एनीमेशन फिल्म ने भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। वैसे तो एनीमेटेड फिल्में बच्चों के लिए होती हैं। लेकिन ‘महावतार नरसिंहाँ’ ने इस बात को गलत साबित कर दिया। इस फिल्म ने बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी अपने रंग में रंग दिया। सैयारा की दीवानगी में लोग थिएटर में आँसू बहा रहे थे, वहीं महावतार नरसिंहाँ ने थिएटर में लोगों को अलग ही भावनाओं ओत-प्रोत किया। बीते दिनों में इन फिल्मों की सफलता ने सिनेमा के बदलते दौर और दर्शकों के रूझान का एक अलग नजरिया दर्शाया है। आइए जानते हैं इस सिनेमा के प्रति दर्शकों के बदलते नजरिए के बारे में।
ये है कहानियों का दौर
सिनेमा की दुनिया में फिल्मों के जॉनर का एक तरह से दबदबा रहा है। कभी एक्शन फिल्में दर्शकों के दिलों पर राज करती हैं। तो कभी रोमांटिक फिल्मों के लिए दर्शक दीवाने रहे हैं। लेकिन बीते दिनों जैसे ये दायरा कम होता नजर आया। सैयारा और धड़क 2 ने दर्शकों पर रोमांस का जादू चलाया। तो महावतार नरसिंहाँ की माइथोलॉजी की दुनिया दर्शकों को खूब भाई। ऐसा देख यही लगता है कि अगर कहानियां अच्छी हों तो उन्हें किसी दौर का इंतजार नहीं करना पड़ता।
फिल्म की टिकट पर खर्च करने से नहीं है गुरेज
आज भले ही फिल्मों की टिकट के दाम ज़्यादा हैं लेकिन लोगों का खर्च करने की सोच अब बदल चुकी है। जहां पहले थिएटर में फिल्म देखने के लिए लोग साल में दो-चार बार ही जाते थे। वहीं अब वो महीने में कई बार खर्च करने से भी गुरेज नहीं करते। हां, फिल्म अच्छी हो तो वे एक ही महीने में अलग-अलग फिल्में देखने के लिए भी तैयार रहते हैं। यही वजह है कि कुछ ही दिनों के अंतर पर रिलीज़ हुई सैयारा, धड़क 2 और महावतार नरसिंहाँ बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही हैं।
मेकर्स भी ले रहे हैं रिस्क
अब फिल्ममेकर्स भी फिल्मों के लिए अलग कहानियों को दर्शकों के लिए लाने की कोशिश करते रहते हैं। पिछले दिनों रिलीज़ हुई सितारे ज़मीन पर की बात करें या 12th फेल जैसी फिल्में इसका ही नतीजा हैं। यही नहीं, पिछले साल एक्शन फिल्मों की सफलता के बाद इस साल पीरियॉडिक, रोमांटिक, माइथोलॉजिकल और कॉमेडी फिल्मों को लेकर आना मेकर्स का रिस्क लेने के लिए तैयार रहना ही दर्शाता है।