हाल ही में तेलुगु एक्टर चिरंजीवी का एक बयान सुर्खियों में है। इस बयान की वजह से चिरंजीवी ट्रोल भी हो रहे हैं। उनका बयान सच में सोचने पर मजबूर कर देता है कि आज हम बातें तो 21वीं सदी की करते हैं, लेकिन समाज के हर वर्ग में आज भी पुरानी दकियानूसी सोच कहीं न कहीं देखने को मिल ही जाती है। दरअसल, चिरंजीवी ने हाल ही में एक इवेंट के दौरान ‘विरासत को आगे बढ़ाने के लिए’ एक पोते की इच्छा जताते हुए अपने मन की बात सबके सामने रखी। उन्होंने कहा कि जब वो घर पर होते हैं, तो उन्हें ऐसा नहीं लगता कि वो महिलाओं के हॉस्टल के वार्डन हैं। उन्होंने आगे कहा कि वो अपने बेटे राम चरण से उम्मीद करते हैं कि कम से कम इस बार तो बेटा हो, ताकि ‘विरासत आगे बढ़े’। जब समाज के सो-कॉल्ड प्रोग्रेसिव लोगों की ये सोच सामने आती है तो कई प्रश्नचिन्ह खड़े हो जाते हैं।
क्या विरासत सिर्फ लड़कों से ही आगे बढ़ेगी?
चिरंजीवी के इस बयान से सबसे पहला सवाल उठता है कि क्या आज भी लोगों का यही मानना है कि उनका वंश सिर्फ लड़कों से ही आगे बढ़ेगा? आज जब लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, तो इस सोच के पीछे क्या तथ्य है? हर क्षेत्र में लड़कियां अपनी पहचान बना रही हैं। खेल के मैदान से लेकर आसमान से परे, यानी स्पेस तक लड़कियां पहुंच चुकी हैं। लेकिन ऐसे लोगों की सोच आज भी वंश बढ़ाने के लिए लड़के ढूंढ रही है। अगर पढ़े-लिखे समाज के उच्च वर्ग के लोग ऐसी सोच रखेंगे, तो लड़कियों के जन्म का आंकड़ा भारत में तो सुधरने से रहा।
लड़कियों को वार्डन की ज़रूरत क्यों है?
आपको बता दें कि चिरंजीवी ने अपने बयान में कहा कि उन्हें घर पर लगता है कि वे लड़कियों के हॉस्टल के वॉर्डन हैं। तो अगर उनके घर में सभी लड़के होते, तो क्या वो लड़कों के हॉस्टल के वॉर्डन हो जाते? उन्हें लड़कियों को संभालने की ज़रूरत ही क्यों है? वैसे भी आप जैसे संपन्न लोगों के घरों पर बच्चों को संभालने वाला स्टाफ होता है। तो क्या अपनी गर्ल चाइल्ड के साथ खेलते वक्त भी आपको उसे संभालने या उसकी सुरक्षा करनी पड़ती है? आपको बता दें कि चिरंजीवी की दो बेटियां हैं - श्रीजा कोनिडेला और सुष्मिता कोनिडेला।
जिनके घर में सिर्फ बेटियां होती हैं, उनका वंश नहीं बढ़ता क्या?
चिरंजीवी की बात सुनकर यह सवाल दिमाग में आता है कि क्या जिनकी सिर्फ बेटियां होती हैं, उनका वंश आगे नहीं बढ़ता? अरे भई, सिर्फ बेटों में आपके जीन्स नहीं जाते, बेटी में भी आपके ही जीन्स ट्रांसफर होते हैं। किस आधार पर वंश बढ़ता है, यह वाकई सोचने की बात है। क्या बेटी शादी के बाद दूसरे के घर चली जाती, इसलिए वो आपके वंश को नहीं बढ़ा रही? अब तो बहुत सी लड़कियां अपने पिता का सरनेम शादी के बाद भी अपने नाम से जोड़कर रखती हैं। अगर वजह यह है कि शादी के बाद उसके बच्चों में किसी और वंश के जीन्स शामिल हो रहे हैं, तो ज़रा गौर कीजिए - आपके बच्चों में आपकी पत्नी के वंश के और आपके बेटे के बच्चों में उसकी पत्नी के वंश के जीन्स आते हैं। ज़रा सोचिए और समझने की कोशिश कीजिए, वंश बच्चों से बढ़ता है, न कि बेटा-बेटी से।


