यह ज़िन्दगी का हासिल है जो प्रीतिश नंदी ने अपनी मौत पर पाया

यह ज़िन्दगी का हासिल है जो प्रीतिश नंदी ने अपनी मौत पर पाया

एक क्रिएटिव इंसान के तौर पर काम करके प्रीतिश नंदी कभी ना उठने के लिए गहरी नींद में सो चुके हैं। 73 साल की उम्र उन्होंने पाई और अपनी इस जिंदगी में वो सब काम किए जिसके ख्वाब देखे होंगे। लेकिन सबसे बड़ी बात वो यारों के यार थे। अगर हम आज के जमाने से देखें तो दोस्त बने रहना और अपने दोस्त के लिए कुछ भी कर जाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन प्रीतिश ने ऐसा किया। अनुपम खेर और महेश भट्ट ने जो उनके लिए कहा उसे देखिए।

सबसे प्यारे और करीबी दोस्त

अभिनेता अनुपम खेर ने उनके निधन पर उनकी दोस्ती से जुड़ी यादों को साझा किया है और एक्स पर लिखा है कि मेरे सबसे प्यारे और करीबी दोस्तों में से एक प्रीतिश नंदी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ और सदमा लगा! वे एक अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और एक साहसी और यूनीक एडिटर/जर्नलिस्ट थे। मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वह मेरा सपोर्ट सिस्टम और ताकत का एक बड़ा सोर्स थे। हमारी कई चीजें एक जैसी थीं। वह उन सबसे निडर लोगों में से एक थे जिनसे मैं मिला हूं। हमेशा उन्होंने जिंदगी को लार्जर दैन द लाइफ देखा। मैंने उनसे बहुत सी चीजें सीखीं।

अपनी बात में उन्होंने कुछ और जोड़ते हुए कहा कि "अब भले ही हम अक्सर नहीं मिलते थे। लेकिन एक दौर ऐसा था जब हम एक-दूसरे से इनसेपरेबल थे! मैं कभी नहीं भूल सकता जब उन्होंने मुझे फिल्मफेयर और उससे भी महत्वपूर्ण ‘TheIllustratedWeekly’ के कवर पर रखकर मुझे हैरान कर दिया था। वह यारों के यार की सच्ची परिभाषा थे! मैं आपको और आपके साथ बिताए वक्त को याद करूंगा मेरे दोस्त।"

उन दिनों में साथ दिया जब जरुरत थी

वो महेश भट्ट के भी एक अच्छे दोस्त थे और महेश भट्ट ने याद करते हुए लिखा है कि प्रीतिश ने उन दिनों में साथ दिया जब उन्हें साथ की सबसे ज्यादा जरुरत थी। वह जर्नलिज्म में बहुत कुछ कर रहे थे।
          एक इंटरव्यू में महेश ने बताया था कि वे सारांश देखने के बाद राजश्री प्रीव्यू थिएटर से बाहर निकले थे। उन्होंने मेरी ओर देखा, उनका चेहरा अभी भी फिल्म के वजन में कैद था। उन्होंने कहा, "मैंने एजिंग और मॉरटेलिटी को इस तरह से हैंडल हुए कभी नहीं देखा।" उन्होंने फिल्म को प्रिंट में अपनी आवाज दी। उन्होंने मुझे मृत्यु के बारे में, उसके प्रति मेरे जुनून के बारे में, यह कैसे जीवन को आकार देती है, कैसे इसे इससे अलग नहीं किया जा सकता है, इस बारे में बोलने दिया। वह यह बात समझ गए। वो अनुपम खेर के भी टैलेंट को समझ पाए थे। और बहुत सालों बाद जब मैं उनसे मिला और कहा कि मैं आपका आभारी हूं तो वे बस मुस्कुरा दिए।

अलविदा, प्रीतिश

         महेश भट्ट ने और लिखा कि “आज उनके जाने के बाद वो सभी कुछ याद आ रहा है। कल रात अनुपम खेर ने कॉल कर उनके ना होने की खबर दी थी। कॉल के बाद, मैं यह सब लेकर बैठा रहा। प्रीतीश, उन दिनों मेरे साथ खड़े थे जब संघर्ष एंडलेस लगता था। प्रीतीश, मुझे उस क्षितिज को देखने के लिए उठा रहे हैं जिस पर मुझे अभी तक विश्वास नहीं था। वह अब चले गए हैं, लेकिन उन्होंने जो किया वह बना हुआ है। उन्होंने उस दुनिया को आकार दिया जिसमें मैं रहता हूं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ दिया। अलविदा, प्रीतीश। कुछ कहानियां खत्म नहीं होतीं, ज़रूरी नहीं।"

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