रणजी ट्रॉफी के ग्रुप राउंड के मैचेज़ की शुरुआत हो चुकी है। इस बार जाने-माने क्रिकेटर विराट कोहली दिल्ली की टीम में हैं। जाहिर है कि वो एक स्टार क्रिकेटर हैं, ऐसे में मैदान में देखने के लिए अच्छी-खासी तादाद में भीड़ उमड़ गई। लेकिन विराट अपने उस अटैकिंग स्टाइल में नज़र नहीं आ पाए। अरुण जेटली स्टेडियम में उनकी टीम का मुकाबला रेलवे से चल रहा है। मैच के दुसरे दिन उनका प्रदर्शन एवरेज से भी कम रहा। छह रन बनाकर वो आउट हो गए। उनका विकेट हिमांशु सांगवान ने लिया।
इस बात को समझें
अगर हम सोशल मीडिया और इंटरनेट को देखें तो पाएंगे कि उनके फैंस इस प्रदर्शन से काफ़ी निराश हैं। 12 साल की वापसी के बाद भी विराट का बल्ला कमाल नहीं कर पाया। ऐसा नहीं है कि कोहली क़ाबिल नहीं हैं। वो एक इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं और कई रिकॉर्ड्स उनके नाम हैं। लेकिन इस मैच के उनके प्रदर्शन ने इस बात को साबित कर दिया कि जीवन में छोटी चीज़ों को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा, किसी भी प्रेशर में नहीं आना चाहिए।
वो सहज नहीं थे
हम स्वयं पर भी इस बात को लागू कर सकते हैं। जब स्थिति थोड़ी आरामदायक और हमारे अनुकूल होती है, तो हम उसमें सहज हो जाते हैं। जबकि कठिन परिस्थितियों में हम साहस के साथ खड़े होते हैं और खुद को मेंटली और फिज़िकली मज़बूत बनाने की कोशिश करते हैं। बहुत से इंटरनेशनल मैच खेलने के बाद भी कोहली के लिए रणजी में खेलना और नायक के तौर पर धुआंधार प्रदर्शन करना आसान था। लेकिन मैच खेलने के दौरान उनका नेचुरल गेम नज़र नहीं आ रहा था। वो एक प्रेशर में थे। यही कारण है कि वो बहुत कॉन्शसली खेल रहे थे। तभी तो 10 गेंदों में वो सिर्फ़ 1 रन ही बना पाए। वो 8वीं और 9वीं गेंद पर बीट हुए । हां, 14वीं गेंद पर उनका बल्ला थोड़ा खुला और उन्होंने एक चौका मारा। लेकिन 15वीं गेंद पर वो बोल्ड हो गए।
वो जिस तरह से बोल्ड हुए हैं, वो हैरान करने वाला है। पैड और बैट के बीच में गैप था। इस गलती की विराट से उम्मीद नहीं थी। खैर, यह तो एक मैच है। हम उम्मीद करते हैं कि वो जल्द ही वापसी करेंगे। उनका बेहतरीन प्रदर्शन अभी बाकी है।
सिचुएशन पर हावी होना है
विराट का इस तरह आउट होना हमें एक सबक दे जाता है कि जीवन में किसी भी चीज़ को हल्के में नहीं लेना चाहिए। किसी चीज़ को छोटा समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। हर साधारण लगने वाली चीज़ वास्तव में साधारण नहीं होती। आपकी प्लानिंग ऐसी होनी चाहिए कि आप सिचुएशन पर हावी हों, ना कि सिचुएशन आप पर हावी हो जाए।