सेंटर गवर्मेंट एम्पलाइज के लिए साल 2025 खुशियों की सौगात लेकर आया है। यूनियन कैबिनेट ने इन कर्मचारियों के लिए 8 पे कमीशन को मंजूरी दे दी है। 16 जनवरी को अश्विनी वैष्णव ने यह डिसीजन अनाउंस किया है। कैबिनेट की ओर से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि यह कमीशन कब से लागू होगा, इसकी डेट फिलहाल सामने नहीं आई है। उम्मीद की जा रही है कि इसके जरिए ना केवल कर्मचारी बल्कि पेंशनर्स को भी फायदा मिलेगा।
बजट से पहले हुआ अनाउंसमेंट
यह फैसला अचानक से आया है और कर्मचारियों के लिए भी हैरान कर देने वाला है। इस समय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत है। काफी समय से कर्मचारी इस कमीशन का इंतजार कर रहे थे। लेकिन अब तक जब भी इस संदर्भ में संसद में सवाल पूछा गया था तो उसका जवाब में यह कहा जा रहा था कि अब तक कोई प्रपोजल नहीं आया है। लेकिन केंद्रीय बजट से पहले कमीशन की मंजूरी नए साल का एक तोहफा है।
अब आगे क्या
गुरुवार को इस कमीशन का अनाउंसमेंट केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। उन्होंने कहा कि कमीशन का गठन हो चुका है। कमीशन अपनी रिपोर्ट 2026 तक सौंपेगा। अब इस संदर्भ में राज्यों की सरकारों और पीएसयू से परामर्श लिया जाएगा। इस कमीशन को कौन लीड करेगा और इसके दोनों सदस्यों के नाम भी जल्द ही अनाउंस किए जाएंगे। आपको बता दें कि साल 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था।
पचास हजार रुपए से ऊपर हो सकती हैं बेसिक सैलरी
उम्मीद है कि 8 पे कमीशन लागू होने के बाद सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी। उम्मीद की जा रही है कि फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 तय किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो बेसिक सैलरी बढ़कर 51,480 रुपए हो जाएगी। यह फिलहाल 18,000 रुपए है। यह बढ़ोतरी पेंशन में भी देखने को मिलेगी। इस समय न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपए है, जो बढ़कर 25,740 होने की पूरी उम्मीद है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारियों के वेतन को तय करने के लिए फिटमेंट फैक्टर की भूमिका अहम है। फिलहाल सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है।
आप भी समझ लें बारहखड़ी
आप केंद्रीय कर्मचारी हैं तो जाहिर है कि आपको वेतन आयोग के बारे में भली भांति पता होगा। लेकिन अगर आप केंद्रीय कर्मचारी नहीं हैं और इस वेतन कमीशन के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि इस कमीशन का गठन सेंटर गवर्मेंट की ओर से किया जाता है। यह केंद्र के सरकारी एम्पलाइज के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव की सिफारिश करता है। अमूमन हर 10 साल में नए आयोग का गठन किया जाता है।