जिंदगी के रास्ते में चलते-चलते कब जिंदगी का आखरी मोढ़ आ जाए हमें नहीं पता। रतन टाटा के साथ भी ऐसा ही हुआ। हम सभी के प्यारे रतन टाटा अब कभी ना उठने के लिए बहुत गहरी नींद में सो चुके हैं। उनके जाने के बाद लोग उनके लिए बहुत कुछ लिख रहे हैं। उनकी फोटो वॉट्स ऐप, फेसबुक और सोशल मीडिया पर लोग साझा कर रहे हैं। इसमें कहीं उनकी सादगी का जिक्र है तो कहीं उनके जिंदगी को लेकर फलसफे का। उनकी बातें जो शेअर की जा रही हैं वो कहीं ना कहीं हम सभी जानते हैं। लेकिन हां तीन बातें बहुत जरूरी हैं जो हम किसी के जाने के बाद उनसे सीख सकते हैं।
कोई बुराई करने वाला नहीं
मरने के बाद हम लोग क्या चाहते हैं कि कोई हमारी बुराई करने वाला ना हो। रतन टाटा के साथ ऐसा ही हो रहा है। हर कोई उनके बारे में बहुत अच्छा लिख रहा है और बहुत अच्छा बोल रहा है। लोग ऑफिस में चर्चा कर रहे हैं कि यार एक बात है कि उनकी बुराई करने वाला कोई नहीं है। यह क्वालिटी तो शायद ही किसी में हो पाए।
लंबा चलना है तो साथ चलो
रतन टाटा की वो फोटो देखी जहां वो अपने अंतिम सफर के लिए रवाना होने वाले हैं। उन्हें विदा देने के लिए हर समुदाय के धर्म गुरु एक साथ खड़े हैं। यह आज के समय में बहुत अनोखी बात लगती है। रतन टाटा कहते भी थे कि तेज चलना है तो अकेले चलो और अगर लंबा चलना है तो साथ चलो। उन्हें जो कहा वो करके दिखाया। जिंदगी ने उन्हें वक्त दिया वो बहुत लंबे चले और सभी को साथ लेकर चले।
सब कुछ दे दिया
रतन टाटा ना केवल एक अच्छे बिजनेसमैन थे लेकिन वो जिंदगी को जान गए थे। हम सभी लोग पैसे के पीछे भागते हैं लेकिन रतन टाटा ने अपने जीवन में पैसा कमाकर जिंदगी के असली मायनों को जान लिया। उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी का बहुत हिस्सा डोनेट कर दिया। वो एक बहुत सादा सी जिंदगी गुजारने लगे थे। इस चीज ने उन्हें सुकून दिया और साथ ही लोगों को सबक भी कि जिंदगी का हासिल पैसा नहीं वो मोहब्बत होती है जो रतन टाटा ने कमा ली।