कोविड के बाद हम सभी लोग इतने डरे हुए हैं कि जब भी चीन में कोई वायरस फैलने की खबर आती है तो मन कहीं ना कहीं घबराने लगता है। कोविड के बाद अब इस बार फिर चीन में एचएमपीवी वायरस का मामला सामने आया है। यह वायरस चौदह साल तक के बच्चों को चपेट में ले रहा है। हालांकि भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार इस समय पैनिक होने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि भारत में भी इस वायरस के दो मामले दर्ज किए जा चुके हैं। यह दोनों ही मामले कर्नाटक के हैं।
क्या है एचएमपीवी
सबसे पहले हम बात करते हैं कि एचएमपीवी क्या है। एचएमपीवी यानी ह़यूमन मेटा न्येमोन वायरस। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हमारे यहां यह वायरस सांस से संबंधित एक सामान्य वायरस है जिससे सर्दी जुकाम जैसी समस्या देखने को मिल रही हैं।
अब आप क्या करें
सबसे पहले आप पैनिक बिल्कुल ना हों। वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी पर अपना कोई नॉलेज दूसरों को ना दें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस वायरस पर नज़र रखे हुए है और संगठन ने चीन से स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है। आप जो कर सकते हैं वो यह कि आप सतर्क रहें। डब्लूएचओ की रिपोर्ट और उसके द्वारा साझा की जाने वाली जानकारी पर अपडेटेड रहें।
कैसे क्या हुआ था
हम सभी जानते हैं कि यह दौर सोशल मीडिया का है। तो पिछले कुछ दिनों में चीन के अस्पतालों के कुछ विडियो शेअर किए गए थे। इसमें मरीजों को बड़ी संख्या में अस्पताल में देखा गया था। लोग सांस की समस्या से जूझ रहे थे। इन मरीजों में फ्लू के लक्षण देखने को मिले थे। ज़ाहिर है कि इस तरह के विडियो वायरल होने के बाद लोग बेहद परेशान हैं, उन्हें डर लग रहा है कि कहीं कोई त्रासदी फिर से दस्तक देने को तैयार तो नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन से ही मानी जाती है। लेकिन फिलहाल आप डरे नहीं। बस सतर्क रहें।
लोग कोरोना को कर रहे हैं याद
कोरोना एक बुरे दौर की तरह लोगों को आज भी याद है। वो लोग जिन्होंने अपने अपनों को खोया है, उनके लिए तो यह वो ज़ख़्म है जिसे वे कभी नहीं भूल सकते। इसके अलावा लॉकडाउन और घर में कैद होकर रह जाना एक अलग ही मेंटल स्टेट था। यही वजह है कि लोग इस नए वायरस की खबर सुनकर चिंतित हैं। उन्हें लग रहा है कि कहीं यह बुरा दौर फिर से लौटकर ना आ जाए। लेकिन आपके लिए अच्छी खबर है कि इस वायरस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। और वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वे लोग इस वायरस को देखते हुए पायलट सर्विलांस सिस्टम शुरू कर चुके हैं। इस सर्विस के जरिए निमोनिया के मामलों की निगरानी की जाएगी। लेकिन हां, अब तक इस वायरस के सोर्स के बारे में जानकारी नहीं मिली है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे देश और पूरे विश्व की स्थिति नियंत्रण में रहे।