तनाव और अवसाद ऐसे शब्द हैं जो मॉडर्न लाइफस्टाइल की वजह से लोगों की ज़िंदगी में बड़ी आसानी से जगह बना रहे हैं। बदलते सामाजिक परिवेश में खुशी के मायने और पैमाने बदलते जा रहे हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि सब कुछ होने के बावजूद लोग अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं। घर की परेशानियों, भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी और सोशल मीडिया की खोखली दुनिया के बीच कभी भी किसी का मूड स्विंग हो सकता है। ऐसे में डोपामाइन ड्रेसिंग एक तरीका है जो आपके मूड को अच्छा करने में मदद करता है। आपने कभी सोचा है कि क्या कपड़े पहनने से भी मूड अच्छा हो सकता है? जी हां, बिल्कुल! अगर आपका मूड खराब हो तो आप अपनी पसंद की ड्रेस, पसंदीदा रंग के कपड़े पहनकर ट्राई कर सकते हैं। इससे आपके मूड को एक अलग खुशी की अनुभूति होगी।
आखिर क्या है डोपामाइन ड्रेसिंग
फैशन की दुनिया में हर दिन कुछ नया स्टाइल सुनने और देखने को मिलता है। फैशन को कई लोग फॉलो करते हैं, कई अपने हिसाब से ड्रेसिंग करना पसंद करते हैं। लेकिन सभी के लिए एक स्टाइल हमेशा कारगर रहने वाला है, जो है डोपामाइन ड्रेसिंग। डोपामाइन ड्रेसिंग वो कॉन्सेप्ट है जो फैशन के बदलने से प्रभावित नहीं होता। डोपामाइन नाम है एक हार्मोन का, जो शरीर में खुशी की अनुभूति कराता है। जब इस शब्द को ड्रेसिंग से जोड़ा जाता है, तो इसका सीधा मतलब है कि कपड़ों के जरिए खुशी का अहसास। डोपामाइन ड्रेसिंग हमारी मानसिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकती है। जब हम वो कपड़े पहनते हैं, जिनसे हमें खुशी का अहसास होता है और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं, तो यह डोपामाइन का स्तर बढ़ा सकता है।
डोपामाइन ड्रेसिंग किस तरह करता है असर
रंगों का हमारी भावनाओं से गहरा संबंध होता है। अपने पसंदीदा रंग को देखकर मन में अलग सी खुशी होती है। रंगों का अलग महत्व भी होता है और इनका अलग-अलग प्रभाव हमारे मन पर पड़ता है। पीला रंग खुशी और ऊर्जा से जुड़ा होता है, लाल रंग आत्मविश्वास और जोश को बढ़ाता है, वहीं नीला रंग शांति और संतुलन का प्रतीक है। इसी तरह अगर मूड खराब हो तो अपने पसंदीदा रंग का कपड़ा पहनने से मूड पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
फैब्रिक और टेक्सचर का भी होता है असर
कपड़े का फैब्रिक और टेक्सचर भी हमारे मूड पर प्रभाव डालता है। मुलायम और आरामदायक फैब्रिक पहनने से कम्फर्ट के साथ मन को अच्छा महसूस होता है। आकर्षक और रंग-बिरंगे पैटर्न हमारे मूड को लिफ्ट करने का काम करते हैं। जैसे कि फूलों का पैटर्न ताजगी और खुशहाली की अनुभूति कराता है।
डोपामाइन ड्रेसिंग सिर्फ फैशन ट्रेंड को फॉलो करना नहीं है, बल्कि इसमें व्यक्तिगत शैली और पसंद के हिसाब से कपड़े पहन सकते हैं। जब हम अपने मन के हिसाब से कपड़े पहनते हैं तो एक अलग आत्मविश्वास और खुशी मिलती है। इससे शरीर में डोपामाइन का स्तर बढ़ता है। जब हम खुद को समय देते हैं और ध्यान रखने के लिए प्रयास करते हैं तो इसका असर हमारी मानसिक स्थिति पर पड़ता है। सोच-समझकर कपड़े पहनने से मनोबल बढ़ता है और दिन की शुरुआत बेहतर होती है।
डोपामाइन ड्रेसिंग का मूड पर असर
कपड़े पहनने से हमें न केवल अच्छा महसूस होता है, बल्कि त्योहारों और खास मौकों पर नए कपड़े पहनने की वजह से भी हमारा मूड अच्छा रहता है। अध्ययनों के मुताबिक, जब हम अपने मन के हिसाब से कपड़े पहनते हैं तो आत्मविश्वास की अनुभूति के साथ खुशी भी महसूस करते हैं। इससे हमारे दिमाग में डोपामाइन का स्तर बढ़ता है। इस प्रोसेस को 'एन्क्लोथेड कॉग्निशन' कहा जाता है, जिसके अनुसार कपड़े हमारी सोच और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं।