धोनी की तरह इस खिलाड़ी के लिए भी रेलवे बना क्रिकेट के लिए टर्निंग पॉइंट

धोनी की तरह इस खिलाड़ी के लिए भी रेलवे बना क्रिकेट के लिए टर्निंग पॉइंट

आईपीएल मैच में खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस फैंस के दिलों में हर दिन एक नए सितारे को जगह दे रही है। इन नए उभरते क्रिकेट प्लेयर्स के लिए आईपीएल सिर्फ एक मौका नहीं है जहां वो अपने हुनर का प्रदर्शन कर सकें। आईपीएल उनके आगे के क्रिकेट के भविष्य को संवारने का प्लेटफॉर्म भी है। इस बार आईपीएल में जहां 13 वर्षीय वैभव राजवंशी ने अपनी बैटिंग के हुनर से कम उम्र में ही जगह बना ली। वहीं एक ऐसा भी प्लेयर है जो हुनर होने के बाद भी क्रिकेट में जगह बनाने के लिए काफी परेशान हुए। हम बात कर रहे हैं आशुतोष शर्मा की। दिल्ली कैपिटल्स के आशुतोष शर्मा आईपीएल में स्टार प्लेयर की तरह उभरे हैं। लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ आशुतोष ने 31 गेंदों पर नाबाद 66 रन बनाए। दिल्ली कैपिटल्स की लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ जीत में उनकी बैटिंग का योगदान रहा। इस मैच के बाद आशुतोष सुर्खियों में छाए हुए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस उभरते क्रिकेटर और महेंद्र सिंह धोनी के बीच एक समानता है। आपको बताते हैं कि वो क्या है।

क्रिकेट की राह रेलवे से होकर गुजरी

पूर्व भारतीय कप्तान और आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की क्रिकेट जर्नी के बारे में तो हम सभी जानते ही हैं। क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन के बाद भी उन्हें नेशनल टीम में जगह बनाने में कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यहां तक की एक दौर आया जब वे क्रिकेट छोड़ रेलवे में नौकरी करने गए। जहां वे रेलवे से नहीं जुड़ पाए पर क्रिकेट से जुड़े रहे। ठीक उसी तरह आशुतोष के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। आशुतोष शर्मा क्रिकेट में अच्छे होने के बाद भी जब घरेलू टीम में भी जगह नहीं बना पाए तब रेलवे विभाग ने उन्हें नौकरी की पेशकश दी। जिसने उनके करियर को यहां तक पहुंचने में मदद की। उन्होंने रेलवे के लिए खेलना शुरू किया और घरेलू क्रिकेट में रेलवे की टीम का हिस्सा बने।

कोच की सोच का हुए शिकार

आशुतोष शर्मा ने साल 2024 में पंजाब किंग्स से आईपीएल में डेब्यू किया था। उन्होंने उस दौरान अपने क्रिकेट स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए मध्य प्रदेश के हेड कोच पर आरोप लगाए थे। आशुतोष ने मध्य प्रदेश के लिए 2019 में खेले गए आखिरी टी20 मैच में 84 रन बनाए थे। बावजूद इसके उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। आशुतोष ने बताया था कि उन्हें जानबूझकर टीम से बाहर रखा गया था। साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा था, ‘कि उस दौरान एक नए कोच आए, जो शायद मुझे पसंद नहीं करते थे। उन्हें पसंद और नापसंद की दिक्कत थी। सिलेक्शन ट्रायल में 40 या 45 गेंदों में 90 रन बनाने के बाद भी मुझे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी की टीम में नहीं चुना गया। वो कोरोना का दौर था। टीम के साथ 20 लोग ही जाते थे। मुझे मौका नहीं मिलने की वजह से मैं होटल में रहता, जिम जाता और होटल के कमरे में वापस चला जाता। मैं डिप्रेशन में चला गया था, ग्राउंड देखने को ही नहीं मिल रहा था। यहां तक कि मैदान में जाने की अनुमति भी नहीं थी। किसी ने मुझे नहीं बताया कि मेरी गलती क्या थी।आशुतोष के कोच की सोच ने उन्हें टीम से तो बाहर कर दिया, लेकिन क्रिकेट खेलने से नहीं रोक पाए।

आशुतोष के लिए वो दौर काफी मुश्किल रहा। अच्छे प्रदर्शन के बाद भी अगर मंजिल न नजर आए तो हिम्मत जवाब देने लगती है। लेकिन आशुतोष ने हिम्मत नहीं हारी और रेलवे की नौकरी के साथ टीम में अपने प्रदर्शन से आईपीएल में जगह बनाई।

"अवचेतन मन" में होती है एक शक्ति, कभी महसूस करके देखिए
"अवचेतन मन" में होती है एक शक्ति, कभी महसूस करके देखिए

यह तो हम सभी जानते हैं कि हर मनुष्य के भीतर एक शक्ति होती है, जिसके द्वारा वह अपने जीवन में जो चाहे पा सकता है। हम सब अपने अंदर इस शक्ति को महसूस...

ज़िंदगी में कुछ काश सभी के बाकी रहते हैं, नीता अंबानी के साथ भी है हार्वर्ड का एक काश बाकी
ज़िंदगी में कुछ काश सभी के बाकी रहते हैं, नीता अंबानी के साथ भी है हार्वर्ड का एक काश बाकी

पिछले दिनों रिलायंस फाउंडेशन की चेयरमैन नीता अंबानी ने हार्वर्ड के इंडिया कॉन्फ्रेंस 2025 में हिस्सा लिया। जहां उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ बातचीत भी...