आज 24 अप्रैल है, यानी सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन है। हम वो खुशकिस्मत लोग हैं जिन्होंने आपको खेलते हुए देखा है। शायद तभी हम जान पाते हैं कि क्रिकेटर को भारत में धर्म बनाने में आपका क्या योगदान है। आप मास्टर ब्लास्टर एक क्रिकेटर के तौर पर ही नहीं हैं बल्कि जीवन में आपने जो बेहतरीन पारी खेली है वो वाकई मिसाल है। एक क्रिकेटर के तौर पर आपने जो किया है वो अनुपम है, अद्भुत है। लेकिन इतने सफल होने के बावजूद आपका इतना ग्राउंडेड बने रहना सराहनीय है। आज हमारे सचिन का बर्थडे है। देश और दुनिया भर से उन्हें सैकड़ों बधाइयां मिल रही हैं। हम भी कामना करते हैं वो अपने जीवन में हमेशा खुश और स्वस्थ रहें। आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं वो कौन सी खूबियां हैं जो उन्हें सबसे अलग और खास बनाती हैं।
सक्सेस को पचा पाना
सचिन एक ऐसे प्लेयर के तौर पर उभरे कि जब उनका बल्ला चला तो चलता ही चला गया। वो सक्सेस पाते चले गए। यह उनका डेडिकेशन था जिसने उन्हें सफल बनाया। यहां तक कि बॉलर्स के लिए वो किसी खतरे से कम नहीं होते थे। शेन वॉर्न और वसीम अकरम जैसे बॉलर्स ने कई बार कहा कि उनको बॉल कराना बहुत टफ है। लेकिन उसके बावजूद वो कभी किसी प्लेयर के साथ विवाद में नजर नहीं आए। किसी भी कंट्रोवर्सी में उनका नाम तक नहीं आया। वो बहुत फ्रेंडली रहे। यहां तक कि उनका नाम किसी लड़की के साथ तक नहीं जुड़ा। वो डॉक्टर अंजलि के एक लॉयल पार्टनर रहे। बहुत प्यार से अपनी शर्तों पर जिंदगी जी। सचिन के पास विज्ञापनों की कोई कमी नहीं थी लेकिन सचिन को पता था कि उनको क्या करना है। उन्होंने कभी तंबाकू का विज्ञापन नहीं किया। वो चाहते तो करोड़ों रुपए उनसे कमा सकते थे।
वो तो कोई भी तोड़ देगा
जाहिर है कि क्रिकेट का भगवान उन्हें ऐसे ही नहीं कहा जाता। अपनी इस सफल पारी में सचिन के नाम पर कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। एक बार ऐसे ही उनसे एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि क्या आपको लगता है कि आपके रिकॉर्ड कोई तोड़ सकता है। इस पर उन्होंने तपाक से कहा था, "यहां बैठा हुआ कोई भी इंसान मेरा रिकॉर्ड तोड़ सकता है।" यह बात सच है कि रिकॉर्ड तो होते ही हैं टूटने के लिए, लेकिन जो छवि सचिन ने बनाई है अपनी सादगी से उसे शायद ही कोई ब्रेक कर पाए। वो वो इंसान हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि उनके कंपटीटर तो बहुत, दुश्मन कोई नहीं। आज भी अगर कमेंट्री करते वक्त ग्राउंड पर कोई प्लेयर अच्छा खेल रहा होता है और उसकी तुलना सचिन से की जाती है तो उस कमेंटेटर को फौरन ही कमेंट मिल जाता है कि "तुम क्या उसकी तुलना सचिन से कर रहे हो?" वाकई, सचिन ऐसे ही हैं जिनसे तुलना हो ही नहीं सकती।
स्टारडम नहीं हुआ हावी
सचिन एक प्लेयर के तौर पर खेलते थे। वो अक्सर ही दूसरों की कप्तानी में खेले। लेकिन उनकी क्या पोजिशन थी, यह बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन उन्होंने स्टारडम को कभी हावी नहीं होने दिया। हां, लेकिन वो सीनियर हैं यह बात कैप्टन और टीम को पता होती थी। वो एक जेंटलमैन हैं और क्रिकेट को भी जेंटलमैन गेम ही मानते हैं। लॉर्ड्स में जब सौरव गांगुली ने अपनी शर्ट उतारी थी तो उन्होंने उन्हें ऐसा करने से मना भी किया था। लेकिन जो भी कहें, सचिन बेमिसाल हैं। वो आज भी नए खिलाड़ियों को मोटिवेट करते हैं और जब टीम में थे तब भी ऐसा ही किया करते थे। उनके टीममेट्स उन्हें बड़े भाई के तौर पर देखते थे। और नए खिलाड़ियों को कंफर्ट करना सचिन की जिम्मेदारी थी।
आप जैसे हैं वैसे ही बने रहें सचिन। सच में बड़ा होना क्या होता है यह आपसे सीखा जा सकता है। सिर्फ एक क्रिकेटर ही नहीं, एक इंसान के तौर पर आपसे बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है।